Bharat Ratna to karpoori thakur: भारत सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देना का ऐलान किया ।

Bharat Ratna to karpoori thakur: मोदी सरकर ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के जनमशतब्दी वर्ष के पूर्व संध्या पर “भारत रत्न” दिए जाने की शोषण की है । उनकी जन्मशताब्दी के दिन ही ये घोषणा की गई है ।

Bharat Ratna to karpoori thakur

बिहार की भूमि के वीर सपूत जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ने देश की स्वतंत्रता से लेकर स्वतंत्रता के बाद तक एक सर्वसमावेशी शासन-व्यवस्था बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया । वे जीवनपर्यंत पिछड़ो, दलितों, गरीबों और किसानों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए समर्पित रहे ।

कौन थे कर्पूरी ठाकुर?

कर्पूरी ठाकुर जिनका जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर के एक गाँव पीतौझिया में नाई जाती में हुआ था जिस गाँव को अब कर्पूरीग्राम कहा जाता है ।  उनका जन्म ब्रिटिश शासन कल में ही हुआ था जननायक जी के पिता जी का नाम श्री गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था, इनके पिता हॉन के सीमांत किसान थे तथा अपने पारंपरिक पेश बाल काटने का काम भी करते थे ।

भारत छोड़ो आंदोलन के समय उन्होंने 26 महीने जेल में बिताए थे, उनका ख्याति पत्र नारा था “सो में नब्बे शोषित हे, शोषित ओ ने ललकार है धन, धरती और राजपाट में नब्बर भाग हमारा है ।

बिहार के मुख्यमंत्री कब कब बने?

कर्पूरी ठाकुर जी बिहार में दो बार मुख्यमंत्री बने थे पहला 22 दिसम्बर 1970 से 2 जून 1971 तथा 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 के दौरान दो बार बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर रहे ।

कर्पूरी ठाकुर दूरदर्शी होने के साथ-साथ एक ओजस्वी वक्ता भी थे आजादी के समय पटना की कृष्णा टकीज हाल में छत्रों की सभा को संबोधित करते हुए एक क्रांतिकारी भाषण दिया की “हमरे देश की आबादी इतनी अधिक है की केवल थूक फेक देने से अंग्रेजी राज बह जाएगा” इस भाषण के कारण उन्हे दंड भी झेलना पारी थी ।

जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की मुत्यु 17 फरवरी 1988 में हो गई । पिछड़े और दलितों के नेता लोकप्रियता के कारण उन्हे जन-नायक कहा जाता था । संघ के विरोध के कारण राजनीतिक बहाल बुरा कहा गया था ।

Bharat Ratna to karpoori thakur
——Bharat Ratna to karpoori thakur——

लालू और नीतीश सीखे है कर्पूरी ठाकुर जी से राजनीतिक

बिहार में समाजवादी के राजनीतिक कर रहे लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार कर्पूरी ठाकुर के ही शगिर्द है । जनता पार्टी के दौर में लालू और नीतीश ने कर्पूरी ठाकुर की उंगली पकड़कर सियासत के गुर सीखे है । ऐसे में जब ललाऊ यादव बिहार की सत्ता में आए तो उन्होंने कर्पूरी ठाकुर के कामों को आगे बढ़ाया । वही नीतीश कुमार ने भी आती पिछड़े समुदाय के हक में कई काम भी किए ।

कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न मिलेगा

कर्पूरी ठाकुर जी को बुधवार यानि 24 जनवरी 2024 को उनकी 100वी जन्म जंयन्ती से पहले उन्हे मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया गया है जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी, ई ऐलान से बाद जेडीयू न मोदी सरकार का आभार जातया है ।

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया की भारत सरकर को बताते हुए बहुत गर्व हो अरह है की देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिवंगत कर्पूरी ठाकुर जी को दिया जा रहा है । वह भारतीय राजनीति में सामाजिक न्याय के पुरोधा और एक प्रेरणादायक शख्सियत थे । यह सम्मान समाज के वंचित वर्ग के उत्थान में कर्पूरी ठाकुर के जीवनभर के योगदान और सामाजिक न्याय के प्रति उनके अथक प्रयासों को श्रद्धनजली है ।

कर्पूरी ठाकुर के बेटा ने क्या कहा

कर्पूरी ठाकुर जी के बेटा रामनाथ ठाकुर ने कहा की हमे 36 साल की तपस्या का आज जाके फल मिल है मैं अपने परिवार और बिहार के 15 कड़ोर लोगों की तरफ से सरकार को धनेवाद देना चाहता हु । और इसे लिए बिहार सरकार को भी धनेवाद करता हु की वो लगातार इसकी मांग करती रही है टन जाके काही न काही ये हुआ है ।

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