HMPV Virus in Bihar: एचएमपीवी वायरस का खतरा अब बिहार में भी, स्वास्थ्य सचिव ने जारी की एडवाइजरी ।

HMPV Virus in Bihar
HMPV Virus in Bihar

HMPV Virus in Bihar: चीन मलेशिया के बाद अब भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद व कर्नाटक के बेंगलुरू में कोरोना जैसे संक्रामक रेस्पिरेटरी वायरस ह्यूमन मेटान्यूरो वायरस एचएमपीवी (HMPV) के दस्तक देते ही स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है, स्वास्थ्य सचिव संजीव कुमार सिंह ने सोमवार को जांच उपचार व बचाव के बारे में विस्तृत एडवाइजरी जारी कर दिया है, तीन से छः दिनों तक इसमे संक्रमित व्यक्ति दूसरे को बीमार कर सकता है ।

इसके तहत सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (एसएआरआइ) के अस्पताल में भर्ती गंभीर रोगियों ने नमूने तत्काल प्रभाव से नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलाजी (एनआइवी) भिजवाने को कहा है, यदि एचएमपीवी की पुष्टि होती है तो दो दिन बाद पुनः बैठक कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी ।

ठंड का मौसम बढ़ा सकता है HMPV Virus का संक्रमकता

स्वास्थ्य सचिव ने पत्र लिख कर कहा है की ठंड का मौसम बढ़ा सकता है वायरस की संक्रामकता, ठंड के मौसम में श्वसन वायरस ज्यादा देर तक हवा में सक्रिय रहते है, इसके तुरंत बाद बसंत का मौसम आएगा, जब श्वसन रोगी की आशंका ज्यादा रहती है ।

जनवरी से दिसम्बर 2024 तक देश में सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के 714 रोगियों में से नौ में (एचएमपीवी) HMPV वायरस की पुष्टि हो चुकी है ।

HMPV Virus के लक्षण और उपचार

तीन से छह दिनों तक इससे संक्रमित व्यक्ति दूसरे को बीमार कर सकता है, कोरोना की तरह इसके उपचार की भी कई विशिष्ठ एंटीवायरस दावा या वैक्सीन नहीं हैं । लक्षणों के आधार पर इसमे भी रोगी को आक्सीजन, सांस लेने में परेशानी को दूर करने वाली दावा, दर्द देने के साथ खूब आराम करने व पनि पीने की सलाह दी जाती है ।

प्रदेश को बचाने के लिए हो रही ये तैयारियां – सभी अस्पताल में एनफ्लुएंजा लाइफ इलनेस व सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी निमोनिया या इन्फेक्शन को चिह्नित कर पोटल पर प्रतिदिन रिपोर्ट अपलोड करना ।

कोविड-19 संबंधी दवाएं, किट्स, वेंटिलेटर, आक्सीजन, मास्क आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, मिलते-जुलते लक्षण के मामले बढ़ने पर सभी हॉस्पिटलों में फ़्लू कॉर्नर बनाकर जांच शुरू की जाए, चिकिसकर्मियों को HMPV Virus से बचाव के बारे में प्रशिक्षित किया जाए ।

शुरुआती लक्षण खांसी-जुकाम, तेज बुखार और गंभीर मामलों में सांस लेने में परेशानी हो सकती है, पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, किडनी, ह्रदय, लीवर जैसे कमजोर प्रतिरोधक वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा बता जा रहा है ।

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