आज के समय में TREDER और INVESTER जल्दी प्रॉफिट कमाने के चक्कर में या अपने पोर्टफोलियो को जल्दी गो करने के चक्कर में OPTION TRADING की तरफ ज्यादा INTRESTED होते हैं जिसे कहीं ना कहीं लोगों का एकइंटरेस्ट बनता है कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और यह कैसे काम करता है और यह कैसे काम करता है और इसमें किस तरीके से प्रॉफिट बनाना होता है और इस और इसमें किस तरह से एक काम समय में एक बड़ा प्रॉफिट बना सकते हैं लेकिन उससे पहले आपको इसकी बहुत ज्यादा समझ होनी चाहिए
तो आज के इस आर्टिकल में हम समझेंगे कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है यह किस तरीके से काम करता है और आप इसमें किस तरीके से काम करके प्रॉफिट कमा सकते हैं तो डिटेल में एस पर चर्च करेंगे

OPTION TRADING क्या होती है?-:
OPTION TRADING बेसिकली एक बहुत बड़ा डेरिवेटिव कांट्रैक्ट होता है,जो कि किसी एसेट- जैसे स्टॉक, इंडेक्स, या कमोडिटी मार्केट से जुड़ा होता है. इसका सीधा मतलब उस एसेट की कीमत पर निर्भर करता है अगर एसेट की कीमत बढ़ेगी तो इसके ऑप्शन की कीमत बढ़ेगी अगर एसेट की कीमत घटेगी तो इसके ऑप्शन की कीमत भी घटेगा
तो ट्रेडर इंडेक्स को एनालाइज करके उस पर पैसा लगाते हैं ऑप्शन बेसिकली दो प्रकार के होते हैं
1- CALL- OPTION
2- PUT-OPTION
तो बेसिकली एक TRADER CALL ऑप्शन पर जब पैसा लगाता है, जब उसने किसी इंडेक्स या स्टॉक्स कोUPSIDE के लिए प्रिडिक्ट किया हो और वहीं दूसरी तरफ PUT OPTION के लिए जब कोई ट्पैरेडर सा लगता है जब उसने अपने असित को डाउन ट्रेंड लिए प्रिडिक्ट किया हो यह सिर्फ OPTION BUYERके केस में होता है-
OPTION TRADING कैसे वर्क करती है?-:
ऑप्शन ट्रेडिंग दो लोगों के बीच में होती है एक होता है ऑप्शन सेलर दूसरा होता है ऑप्शन BUYER जब कोई ट्रेडर कॉल ऑप्शन खरीदता है तो उसके मन में सवाल होता है कि स्टॉक से इंडेक्स का प्राइस बढ़ेगा जिससे उसका मुनाफा होगाऔर जब कोई ट्रेडर पुटऑप्शन खरीदता है तो उसके दिमाग में सवाल होता है कि उसके इंडेक्स या स्टॉक का प्राइस गिरेगा जितना प्राइस गिरेगा उतना ज्यादा उसको प्रॉफिट होगा
और आप्शन की एक्स EXPIREY डेट होती है आप्शन उस डेट तक ही वालिद रहता है उसके बाद जेरो हो जाता है यानि की आपको एक निर्धारित समय के लिए इसका आप्शन दिया जाता है उसके बीच मार्किट आपके FAVER में गया तो आपको मुनाफा होगा अगर AGAINEST गया तो घाटा होगा.
इसमें ये नहीं होता है की आप अपनी मर्जी से इसको होल्ड नहीं कर सकते जिसके वजाह से आप्शन ट्रेडिंग में 95% लोग अपना कैपिटल लोस कर देते है
OPTION TRADING के प्रमुख घटक-:
इसके कुछ प्रमुख घटक है जैसे की
1- LOT SIZE
2-EXPIREY DATE
3-STRICK PRISE
4-PREMIUM
आप्शन ट्रेडिंग के क्या फायदे है-:
ऑप्शन ट्रेडिंग में सबसे बड़ा फायदा या होता है कि आपको इसमें पूरे शेयर या इंडेक्स की कीमत नहीं चुकानी पड़ती है सिर्फ और सिर्फ प्रीमियम की ही कीमत देनी पड़ती है और इसमें सबसे बड़ा प्लस पॉइंट यह होता है की मार्केट के अगर आप अच्छे मोमेंट को पकड़ तो आपको कम कैपिटल से एक बड़ा प्रॉफिट हो सकता है लेकिन इसमें लिक्विडिटी के कारण कभी-कभी कैपिटल वाइप आउट होने का भी खतरा होता है तो यह उन प्लेयर्स के लिए होता है जो बिल्कुल परफेक्ट होते हैं जिन्हें अच्छे से रणनीति बनानी आती है जो मार्केट में टाइम दे चुके हैं
इसमें बिगनर अगर आएगा तो उसका हंड्रेड परसेंट लॉस हो ही होगा तो अगर आप एक एक्सपीरियंस प्लेयर हो तब भी ऑप्शन ट्रेडिंग को ट्राई करो वरना आप स्विंग ट्रेडिंग करो?
जोखिम और सावधानियाँ क्या है-:
अगर दुनिया की सबसे कोई खतरनाक ट्रेडिंग है तो वह है ऑप्शन ट्रेडिंग और इसमें खास करके सबसे ज्यादा लॉस ऑप्शन BUYER को होता है जो खास करके ऑप्शन को BUY करते हैं इसमें आप्शन सेलर के लिए कुछ मात्रा में लॉस कम हो जाता है उसके लिए कुछ कम रिस्क होता है
लेकिन ऑप्शन BUYER के लिए खास करके बहुत रिस्क होता है ऑप्शन बाहर की WINNING एक्यूरेसी33.3% ही है जबकि ऑप्शन सेलर की 67.7% है लकिन वन्ही आप्शन BUYER को निफ्टी में 1लोट खरीदने के लिए जन्हा अधिक से अधिक 10 से 20 हजार रूपए लगेंगे वन्ही आप्शन सेलर को 2से 2.5 LAKH RUPAY लगाने पड़ेंगे
इसको भी पढ़े-: HDFC BANK BONUS ISSUE 2025-: शेयरधारकों के लिए एक बड़ा तोहफा
HANG SENG STOCK MARKET INDEX (HSI):- एशिया के अर्थवयवस्था पर प्रभाव