Tirupati Balaji Mandir Prasad Controversy: आपको बता दे की अभी तक जो विवाद आप सुन रहे है वो जिस मंदिर को लेकर दावा हुआ है वहाँ लाखों की संख्या में भक्त आते है हर रोज और कई सालों से आ रहे है वो यंहा से प्रसाद भी ले जाते है लेकिन अब उसी प्रसाद की क्वालिटी को लेकर ये सर विवाद शुरू हो गया है ।
Tirupati Balaji Mandir Prasad Controversy
Tirupati Balaji Mandir Prasad Controversy: आपको बता दे की तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर इसके पहले भी विवाद हो चुका है, लेकिन एक बार फिर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने यह दावा किया है की मेरे मुख्यमंत्री से पहले जो प्रसाद मिलता था उस प्रसाद में मिलावट होती थी, घी की गुन्नवक्ता खराब होती थी, उन्होंने तो यंहा तक कहा की उस प्रसाद में जानवरों की चर्बी का भी इस्तेमाल भी होता था ।
यह विवाद शुरू कैसे हुआ
दरअसल हम आपको बता दे की आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए के एक बैठक में बोले थे की जो तिरुमाला लड्डू मिलता था, वो खराब क्वालिटी का होता था, वो घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल कर बनाया जा रहा था । जब से टीडीपी की सरकार आई है इस पूरी प्रक्रिया को साफ किया गया है और लड्डू के गुन्नवक्ता को सुधारा गया है ।
कैसे बनता है तिरुपति बालाजी का प्रसाद
Tirupati Balaji Mandir Prasad Controversy: आपको बता दे की यह प्रसाद कोई मामूली प्रसाद नहीं है इसे बनाने के लिए एक खास वर्ग के लोगों को और एक अलग किचन को चुना गया है । अब इसी प्रसाद को लेकर सारा विवाद शुरू हुआ है, इसको आंध्रप्रदेश में POTU कहा जाता है, जिस वर्ग को इस स्पेशल प्रसाद को बनाने की जिम्मेदारी दी गई है वो कई सदियों से इसे बनाते आ रहे है, उनको इस प्रसाद को बनाने के लिए अपना सिर मुँड़वाना पड़ता है, सिर्फ एक सिंगल कपड़ा पहनने की अनुमति रहती है ।
इस प्रसाद को बनाने के लिए घी के अलावा, चना बेसन, चीनी के छोटे टुकड़े, काजू, इलाईची, कपूर और किशमिश का उपयोग किया जाता है । यह प्रसाद इतना खास है की इसे साल 2014 में GI टैग भी मिल चुका है । इस प्रसाद को बनाने के लिए हर दिन 400 से 500 किलो घी, 750 किलो काजू, 500 किलो किशमिश का इस्तेमाल होता है ऐसे में पैसा भी ज्यादा लगता है और क्वानटिटी भी काफी ज्यादा रहती है ।
क्या है इतिहास तिरुपति बालाजी के प्रसाद का
Tirupati Balaji Mandir Prasad Controversy: आपको बता दे की भगवान वेंकटेश्वर को प्रसाद का भोग लगाने की प्रथा आज से 300 साल पुरानी है । तिरुपति में जो मंदिर है, वहाँ पर 1715 से ही भक्तों को लड्डू का प्रसाद दिया जा रहा है । यह एक ऐसी परंपरा है जो सालों से लगातार चली आ रही है इसमे कोई बदलाव नहीं हुआ है । जानकार यह मानते है की इसी वजह से इस प्रसाद की अहमियत ज्यादा है । लेकिन अब एक बड़ी बात यह पता चला है की इसी प्रसाद को लेकर विवाद पहले भी है हो चुका है, कई साल पहले एक शख्स ने शिकायत की थी, तब भी गुन्नवक्ता को लेकर भी सवाल उठा था ।
पहले भी विवाद हो चुका है प्रसाद को लेकर
Tirupati Balaji Mandir Prasad Controversy: आपको बता दे की साल 1985 में अमर उजाला के अखबार के मुताबीत इसी तरह प्रसाद को लेकर विवाद हुआ था । तब कहा गया था की अब इस प्रसाद को वैज्ञानिक पद्धति से बनाया जाएगा । असल में एक शख्स ने शिकायत की थी की उन्होंने जो लड्डू खरीदे, उनमे फफूंदी और कील निकली । उस समय भी ये मामला काफी तूल मचा था, आंध्रप्रदेश की विधानसभा में जबरदस्त हंगमा भी देखने को मिला ।
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